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नवरात्रि आरंभ – 22 सितंबर 2025

नवरात्रि का महत्व: नवरात्रि माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पर्व है। यह मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर है।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸नौ दिन तक पूजा, भजन और हवन करें। करें।
  • 🔸यह आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा लाने का समय है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 नौ दिवसीय उत्सव और पूजा आयोजित होंगे।
  • 🔸 भाग लेने से जीवन में आध्यात्मिक बल और मानसिक शांति प्राप्त होती है।



दुर्गा अष्टमी (महाअष्टमी व्रत) – 30 सितंबर 2025

दुर्गा अष्टमी का महत्व:: दुर्गा अष्टमी नवरात्रि का सबसे शक्तिशाली दिन है। इस दिन माता दुर्गा की पूजा और हवन से साहस, सुरक्षा और जीवन की चुनौतियों पर विजय प्राप्त होती है।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 माता दुर्गा की भव्य पूजा और हवन करें। करें।
  • 🔸 यह दिन सफलता, सुरक्षा और मानसिक शक्ति लाने के लिए सर्वोत्तम है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 भव्य पूजा और हवन आयोजित होंगे।
  • 🔸भाग लेने से माँ दुर्गा के आशीर्वाद से सफलता, सुरक्षा और समृद्धि मिलती है।



महानवमी: 1 अक्टूबर 2025, बुधवार

महानवमी दुर्गा सप्तशती का एक प्रमुख दिन है, जब देवी दुर्गा की विशेष आराधना की जाती है। यह दिन शक्ति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा के संचार का प्रतीक है।

महत्व: महानवमी पर माँ दुर्गा की पूजा से मनोबल बढ़ता है और जीवन में नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। यह दिन परिवार और व्यवसाय में सफलता और खुशहाली लाने का अवसर है। भक्तजन इस दिन हवन और मंत्र जाप के माध्यम से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं।िजय प्राप्त होती है।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 माँ दुर्गा और माँ बगलामुखी की पूजा करें। करें।
  • 🔸 हवन और मंत्र जाप से घर और मन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
  • भय और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 पूजा और हवन की पूर्व-बुकिंग कर आयोजन कराए जा सकते हैं।
  • 🔸माता की दिव्य कृपा से आत्मविश्वास और समृद्धि प्राप्त होती है।



विजयादशमी: 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार

विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। यह दिन दुर्गा पूजा का समापन और शक्ति के उत्सव का प्रतीक है।

महत्व: इस दिन माता दुर्गा की आराधना करने से जीवन में अंधकार और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। विजयादशमी परिवार और कार्यस्थल में सामंजस्य, सफलता और समृद्धि लाती है। भक्तजन हवन और पूजा के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 पूजा और हवन में भाग लें। करें।
  • 🔸 घर और कार्यस्थल में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा सुनिश्चित होती है।
  • 🔸 जीवन में सफलता और मानसिक शांति आती है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 पूर्व-बुकिंग पर हवन और पूजा आयोजित कराई जा सकती है।
  • 🔸 माता की कृपा से मानसिक शांति और परिवार में समृद्धि मिलती है।



पापांकुशा एकादशी: 3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार

पापांकुशा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित व्रत है। यह दिन पापों के नाश और आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

महत्व: पापांकुशा एकादशी का पालन करने से जीवन में पुण्य और शुभता आती है। यह व्रत मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर देता है। भक्तजन व्रत और पूजा के माध्यम से अपने पितरों और पूर्वजों को भी याद करते हैं।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 निर्जला व्रत और विष्णु पूजा करें।
  • 🔸 पापों का नाश और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा सुनिश्चित होती है।
  • 🔸 मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 व्रत और पूजा का आयोजन पूर्व-बुकिंग पर किया जा सकता है।
  • 🔸 माता की कृपा से जीवन में शांति, ऊर्जा और शुभता आती है।



शनि प्रदोष व्रत: 4 अक्टूबर 2025, शनिवार

शनि प्रदोष व्रत शनि देव को समर्पित है। यह दिन जीवन में बाधाओं और कष्टों से मुक्ति पाने का अवसर है।

महत्व: शनि प्रदोष व्रत करने से शनि दोष कम होता है और जीवन में स्थिरता आती है। यह व्रत करियर, स्वास्थ्य और संबंधों में सुधार लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भक्तजन पूजा और हवन के माध्यम से जीवन में नकारात्मक प्रभावों को कम करते हैं।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 व्रत रखें और शनि देव की पूजा करें।
  • 🔸 जीवन में स्थिरता, करियर और स्वास्थ्य में सुधार आए।
  • 🔸 कष्ट और नकारात्मक प्रभाव कम हों।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 पूर्व-बुकिंग पर व्रत पूजा और हवन कराए जा सकते हैं।
  • 🔸 माता की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा मिलती है।



शरद पूर्णिमा व्रत: 6 अक्टूबर 2025, सोमवार

शरद पूर्णिमा की रात को अमृतमयी माना जाता है। इस दिन जागरण और विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

महत्व: पूर्णिमा के दिन पूजा करने से जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति आती है। यह आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर है। भक्तजन रातभर जागरण और भजन-कीर्तन में भाग लेकर आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 पूर्णिमा रात जागरण और पूजा करें।
  • 🔸 जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति सुनिश्चित होती है।
  • 🔸 आध्यात्मिक अनुभव और ऊर्जा प्राप्त होती है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 पूर्व-बुकिंग पर पूर्णिमा पूजा और हवन कराए जा सकते हैं।
  • 🔸 माता की कृपा से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।



करवा चौथ व्रत – 10 अक्टूबर 2025

करवा चौथ व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है। यह प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।

महत्व: करवा चौथ उपवास पति और परिवार के लिए खुशहाली और स्वास्थ्य लाने में मदद करता है। यह दिन वैवाहिक प्रेम और स्थिरता को बढ़ाता है। महिलाएं इस दिन चंद्र दर्शन और पूजा के माध्यम से अपने संबंधों को मजबूत करती हैं।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 दिनभर उपवास रखें और रात में चंद्र दर्शन के बाद पूजा करें।
  • 🔸 वैवाहिक जीवन में प्रेम, स्थिरता और सुख सुनिश्चित होता है।
  • 🔸 मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 पूर्व-बुकिंग पर पूजा और हवन कराए जा सकते हैं।
  • 🔸 माता की कृपा से वैवाहिक जीवन में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा आती है।